दिल्ली जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन ने शनिवार को प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि इंटर हॉल ए़डमिनिस्ट्रेशन (IHA) की मीटिंग में हॉस्टल मैन्यूअल (Hostel manual) पर ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया था. प्रशासन ने कहा है कि हॉस्टल में आने-जाने की न ही समय सीमा तय की गई है और न ही ड्रेस कोड पर कोई चर्चा की गई है. प्रेस रीलिज में कहा गया है कि प्रॉपर ड्रेस का नियम पिछले 14 सालों से बना हुआ है और इसमें IHA समिति द्वारा कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. ये सब कुछ छात्रों द्वारा फैलाई गई महज एक अफवाह है.
प्रशासन ने आगे कहा कि अब से सिंगल रूम सीटर का किराया 600 रुपय प्रति माह होगा जो पहले 20 रुपए प्रति माह होता था. वहीं, डबल सीटर रूम का किराया 300 रुपय प्रति माह होगा जो पहले 10 रुपय प्रति माह होता था. साथ ही जेएनयू के छात्रों को नए हॉस्टल नियमों के हिसाब से अब 1700 रुपय सर्विस चार्ज भी देना होगा. इसके अलावा एडमिशन के समय सेक्यूरिटी अमाउंट 5500 की जगह 12000 देना होगा.
क्या था मामला
27 अक्टूबर, सोमवार को इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन की कमेटी ने मीटिंग बुलाई थी, जिसमें कुछ फैसले लेने थे. इस बैठक में हॉस्टल की फीस बढ़ाने, हॉस्टल आने-जाने का वक्त तय करना और प्रोटेस्ट पर फाइन पनिशमेंट इत्यादि नियमों पर चर्चा हुई थी. छात्रों ने बैठक के विरोध में भी विरोध प्रदर्शन किया था. इससे पहले जेएनयू की ओर से 23 अक्टूबर को जेएनयू कैंपस के गेट शाम छह बजे के बाद बंद करने का नया नियम लागू किया था. ये अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विभाग के डीन की ओर से नोटिस के जरिये दी गई थी. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने प्रशासन पर कैंपस के शाम छह बजे के बाद गेट बंद करने के नये नियम पर विरोध जताया था
AISA ने कहा था, कैंपस के गेट को शाम छह बजे बंद कर देना आवाजाही की स्वतंत्रता को सीमित करना है. प्रशासन ने कहा था, यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था. जेएनयू प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा था, इमारत में चार गेट हैं सभी पर छात्रों के प्रवेश की निगरानी रखना मुश्किल है.