नई दिल्ली, : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अति गंभीर स्थिति में पहुंच जाने के कारण पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। मौजूदा स्थिति को गैस चैंबर बताते हुए उसने स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। साथ ही तमाम तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इन सभी प्रतिबंधों पर अमल सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। दिल्ली में पांच नवंबर तक के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
इस साल जनवरी के बाद पहली बार दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़कर आपातस्थिति में पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बने ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने शुक्रवार को उक्त सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि गुरुवार रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और अब उससे भी आगे खतरनाक श्रेणी में पहुंच रही है। हम इसे जनस्वास्थ्य आपातकाल की तरह ले रहे हैं, क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा, विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर।
- ऑड-इवेन (4-15 नवंबर) के दौरान दिल्ली के सरकारी कार्यालयों में किया गया समय में बदलाव
- सिविल लाइन इलाके में स्थित सरकारी दफ्तार भी सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर खुलेंगे। जबकि दिल्ली सचिवालय के ऑफिस, लोकनिर्माण मंत्रालय और एसटी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक मंत्रालय से संबंधित ऑफिस समेत कई विभागों के दफ्तर सुबह 10.30 बजे से शाम 7 बजे तक खुले रहेंगे।
- परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा, दिल्ली चुनाव आयोग और एमसीडी समेत कई विभागों के दफ्तर सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शाम सात बजे तक खुले रहेंगे।
- एक नवंबर को नोएडा रहा देश का सबसे प्रदूषण शहर
कुछ दिनों में हालात सुधरने की संभावना
ईपीसीए ने कहा है कि मौसम विभाग ने कुछ दिनों में हालात सुधरने की संभावना जताई है, लेकिन तब तक हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठा जा सकता। इसलिए एहतियातन दिल्ली-एनसीआर में पांच नवंबर तक विभिन्न प्रतिबंधों की घोषणा की गई है। ईपीसीए ने सभी राज्यों से प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर सख्ती बरतने, निगरानी बढ़ाने, धूल उड़ने से रोकने और कचरा जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाने को कहा है।