जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। सतर्कता और बढ़ा दी गई है। प्रदेश के एयरपोर्ट पर चीन, नेपाल सहित अन्य प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। सरकार ने श्रीनगर और जम्मू में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा संदिग्ध रोगियों की जांच, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों पर करने के सभी उपाय किए जा रहे हैं। इस बीच मंगलवार को स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त अटल डुल्लू ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कार्य योजना पर चर्चा की।
बैठक मे तय किया गया कि वायरस के लक्षणों वाले संदिग्ध मरीजों के सैंपलों को जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ बायोलाजिकल, पुणे भेजा जाएगा। जम्मू और श्रीनगर के मेडिकल कालेजों, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, सौरा और अन्य जिलों में आईसोलेशन वार्ड स्थापित किए जाएंगे, जहां एक विशेष टीम तैनात रहेगी।
उपायुक्तों को एडवाइजरी
बैठक में जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों को संदिग्ध मामलों से निपटने के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है। एडवाइजरी में रैपिड रिस्पांस टीमों को गठित करना, निगरानी को बढ़ाना, प्रयोगशाला निदान की क्षमता और आईसोलेशन वार्डों को चिह्नित करना शामिल है।
जागरूकता बढ़ाने के निर्देश
आयुक्त सचिव ने सूचना शिक्षा और संचार (आईईसी) रणनीति को अपनाने का निर्देश दिया ताकि लोगों को निवारक उपायों के बारे में शिक्षित किया जाए। अस्पताल परिसर, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों आदि सार्वजनिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा।
सुरक्षा उपकरणों, मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करें
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों, एन-95 मास्क और अन्य लाजिस्टिक व्यवस्थाओं के लिए सभी उपलब्धता को सुनिश्चित बनाया जाए।
वित्तीय आयुक्त के विशेष अधिकारी डॉ. शफाकत खान को बीमारी के फैलने के संबंध में सभी गतिविधियों की निगरानी के लिए भारत सरकार और जम्मू कश्मीर में विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के साथ समन्वय करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है