दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा JNUSU, लेट फी और हॉस्टल मैन्यूअल में बदलाव पर रोक की मांग

दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन के कुछ फैसलों के खिलाफ जेएनयू छात्र संगठन (JNUSU) दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा है। छात्र संगठन के द्वारा हॉस्टल नियमावली में बदलाव और विंटर सेमेस्टर के रजिस्ट्रेशन पर लेट फाइन रोकने की अपील की है।

जेएनयूएसयू के सदस्यों के द्वारा दायर इस याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से अपील की गई है कि हॉस्टल प्रशासन द्वारा हाल में जो नियमों में बदलाव किए गए हैं उस पर रोक लगे।जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून सहित कई अन्य छात्रों ने कोर्ट से अपील की है कि विंटर सेमेस्टर के रजिस्ट्रेशन फी फर फाइन लगाने से जेएनयू प्रशासन को रोका जाए।जेएनयू छात्रसंघ ने रविवार को एक बार फिर पंजीकरण और कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखने की घोषणा की थी। छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कक्षाएं शुरू करने, कक्षाओं की समयसारिणी और जारी शिक्षण कार्यक्रम को भी खारिज कर दिया। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने कहा कि कोई भी शिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों और छात्रों के बीच चर्चा के माध्यम से ही लाया जाएगा। इससे पूर्व छात्रसंघ ने कक्षाओं में शामिल होने की बात कही थी। जेएनयू में छात्रावास की बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्र 85 से अधिक दिनों से आंदोलित हैं। छात्र परीक्षा और नए सेमेस्टर के लिए पंजीकरण प्रक्रिया का बहिष्कार कर चुके हैं। हालांकि, छात्रसंघ ने बीते गुरुवार (16 जनवरी) को आंदोलन की रणनीति में अहम बदलाव करते हुए कक्षाओं में शामिल होने की बात कही थी। साथ ही पुराने सेमेस्टर की कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया था, लेकिन रविवार को छात्रसंघ ने पुन: बयान जारी कर छात्रों से पंजीकरण, परीक्षा और कक्षाओं का बहिष्कार करने की अपील की। छात्रसंघ ने कहा था कि बीते सेमेस्टर के शैक्षणिक बैकलॉग को पूरा करने के लिए प्रर्याप्त समय है, जब तक यह सेमेस्टर पूरा नहीं होता है, तब तक कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखें।

दंड को खत्म करें

छात्रसंघ ने कहा कि जिस तरह परीक्षाओं और कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है, उससे अराजकता की स्थिति बनेगी। इससे छात्र समुदाय में विभाजन हो सकता है। छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की थी कि वह आंदोलन के दौरान छात्रों पर लगाए गए दंड को खत्म करें।

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