दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार को बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दो हथियार तस्करों को 67 पिस्तौल और भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है।
दिल्ली चुनाव में इस्तेमाल लिए लाया गया अवैध हथियारों की खेप पहले भी हुई थी बरामद
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने विधानसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल के लिए अवैध हथियार लेकर आए तस्कर यूपी के बड़ौत निवासी अनिल (32) को दबोचा है। वह दिल्ली-एनसीआर के बदमाशों को अवैध हथियार सप्लाई करता था। उसके कब्जे से 12 पिस्टल व 25 कारतूस बरामद किए गए हैं। यह खेप वह बड़ौत से ही लेकर आया था।
अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त बीके सिंह के अनुसार, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के एएसआई संजय ने एक सूचना के बाद एसआई वीरेंद्र त्यागी के साथ मिलकर सुल्तानपुरी बस टर्मिनल के जलेबी चौक से अनिल को पकड़ा। उसके पास .315 बोर की 10, 7.65 बोर की एक और .22 बोर की एक पिस्टल बरामद की गई।
बड़ौत में चाय की दुकान चलाने वाले अनिल की मुलाकात चार साल पहले शातिर बदमाश सरफराज गंजा से हुई। दोनों ने वर्ष 2015 में बड़ौत में एक डॉक्टर को लूटा। इसमें दोनों दो वर्ष जेल में रहे। जेल में इनका संपर्क अवैध हथियार तस्करों से हो गया। अनिल वर्ष 2017 में जेल से निकला तो बागपत में त्रिलोक शर्मा और हापुड़ में नाजिम से मिला।
नाजिम व त्रिलोक शर्मा दोनों अवैध हथियार सप्लाई करते थे। अनिल इनसे दो वर्ष से अवैध हथियार लेकर दिल्ली-एनसीआर में बदमाशों को सप्लाई कर रहा था। मंगोलपुरी में अनिल किसी भइयाजी को जानता है। इसे वह एक वर्ष में छह हथियार दे चुका है। अनिल के खिलाफ बड़ौत में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अवैध हथियारों के लिए भी थे कोर्ड वर्ड
तस्करों ने आपस में बातचीत के लिए कोड वर्ड बना रखे थे। वे .315 बोर की पिस्टल को कऊआ, .22 बोर की पिस्टल को चिड़ी, 7.65 बोर की पिस्टल को सामान और कारतूस को दाना कहते थे।