वडोदरा. दो कर्मचारियों समेत 6 व्यक्तियों की मौत का कारण बनने वाले पादरा तहसील के गवासद गांव के पास एम्स कंपनी में हाईड्रोजन रिफलिंग की अनुमति न होने के बाद भी संचालकों द्वारा अवैध रूप से सिलेंडरों में हाईड्रोजन की रिफलिंग की जा रही थी। इसी रिफलिंग के दौरान ही जोरदार विस्फोट हुआ था। यह खुलासा पुलिस जांच में सामने आया है।
हाईड्रोजन-ऑक्सीजन मिलने पर हुआ ब्लाॅस्ट
एम्स ऑक्सीजन कंपनी में हुए ब्लॉस्ट की जांच कर रहे पादरा पुलिस के पीआई एस ए करमुरे ने बताया कि एम्स ऑक्सीजन कंपनी को ऑक्सीजन के केवल 100 सिलेंडर रखने की अनुमति थी। इसके साथ ही सिलेंडर रिफलिंग की कोई अनुमति नहीं थी। इसके बाद भी कंपनी के संचालकों द्वारा अवैध रूप से सिलेंडर्स में हाईड्रोजन की रिफलिंग की जा रही थी। 11 जनवरी को जब यहां ब्लॉस्ट हुआ, तो उसके पहले हाईड्रोजन-ऑक्सीजन का मिश्रण किया जा रहा था। ब्लॉस्ट से कंपनी के दो कर्मचारियों समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 6 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।
अंकलेश्वर से आए थे कुछ लोग
करमुरे ने बताया कि उत्तरायण को लेकर अंकलेश्वर से गायत्री इंडस्ट्रीज समेत कुछ निजी कंपनी के लोग बेलून में गैस भरने के लिए आए थे। ये लोग अपने सिलेंडर्स में गैस भरकर ले जाने वाले थे। जब रिफलिंग का काम चल रहा था, तभी ब्लॉस्ट हुआ। अब यह जांच की जा रही है कि यह अवैध कार्य कंपनी में कब से जारी था। इसके अलावा कंपनी में किसी प्रकार की फायर सेफ्टी भी नहीं थी।
कंपनी का मालिक अभी तक फरार
6 लोगों के मौत के जिम्मेदार कंपनी के मालिक पिता-पुत्र सिद्धार्थ पटेल और श्वेतांशु पटेल अभी तक फरार बताए गए हैं। उनके निवास स्थान और कार्यालयों में जांच की जा रही है। दोनों पिता-पुत्र विदेश न भाग जाएं, इसके लिए उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। उन दोनों की सघन तलाश जारी है।
185 केमिकल उद्योग
उल्लेखनीय है कि पादरा तहसील में छोटे-बड़े करीब 185 केमिकल उद्योग हैं। परंतु पादरा तहसील में फायर ब्रिगेड की सुविधा नहीं है। यहां जब भी कोई आगजनी होती है, तो वडोदरा की दमकलें बुलाई जाती हैं। यहां के कांग्रेस विधायक जसपाल्र सिंह पढियार ने बताया कि यदि मुवाल-करखड़ी गांव के बीच फायर स्टेशन बनाया जाए, तो लोगों के जान-माल की सुरक्षा हो सकती है। इसके अलावा फरार पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही इस दुर्घटना में घायल लोगों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाए।