आर्थिक तंगी से जूझ रहे देवीपुर के पिरहाकट्टा निवासी 55 वर्षीय पारा शिक्षक दिनेश्वर मुर्मू ने सोमवार रात कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पुत्री संगीता मुर्मू ने बताया कि वे उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय पिरहाकट्टा में पारा शिक्षक थे।
तीन-चार महीनों से मानदेय नहीं मिला था। आर्थिक तंगी से वे परेशान रहते थे। सभी बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उनपर थी। सोमवार को बधना पर्व था। जिसको लेकर वे तनाव में थे। इस क्रम में तनाव में रहने से उन्होंने घर में रखा कीटनाशक खा लिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। रात 11.30 बजे उनके मुंह से अचानक झाग निकलने लगा। परिजन उन्हें लेकर आनन-फानन में डायल 108 एंबुलेंस से सदर अस्पताल पहुंचे, जहां ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने उनका इलाज किया । इस दौरान इलाज के क्रम में रात करीब 1.25 बजे उनकी मौत हो गई।
पत्नी ने कहा किसी का कोई दोष नहीं
मृतक की पत्नी लक्ष्मी देवी ने बयान में कहा कि सोमवार रात 11.30 बजे अचानक उनके पति की तबीयत खराब हो गई। उनके मुंह से झाग निकलने लगा। बंधना पर्व होने की वजह से दिन में उन्होंने कुछ खाया था, जिससे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। सदर अस्पताल में 1.25 बजे उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी व्यक्ति का कोई दोष नहीं है।
इधर, घटना की सूचना पर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की जिला इकाई के जिला संयोजक वीरेंद्र यादव, प्रखंड अध्यक्ष महेश यादव, जिला परिषद सदस्य महेंद्र यादव व अन्य लोग अस्पताल पहुंचे। पारा शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष महेश यादव ने बताया कि कई महीनों से वेतन नहीं मिलने से वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उन्होंने सरकार से मांग की कि मृतक के परिवार के भरण-पोषण के लिए एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। संघ मृतक के घर जाकर परिजनों से मिलेगा।