बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड में गवाह एसपी सौम्या सांबशिवन के बयान के बाद अब गुड़िया के पिता ने एक बार फिर आईजी जहूर हैदर जैदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मांग की है कि जैदी व अन्य सभी को तत्काल फिर से निलंबित कर जेल में डाला जाए। जब एसपी स्तर की महिला अधिकारी पर बयान बदलने का दबाव डाला जा रहा है तो निचले स्तर के अधिकारियों व आम गवाहों की क्या हालत की गई होगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। पिता की मांग और कोर्ट में एसपी सौम्या सांबशिवन के बयान के बाद अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। दरअसल, विधानसभा चुनावों के दौरान उस समय विपक्ष में रही भाजपा ने गुड़िया कांड को मुद्दा बनाते हुए महिला सुरक्षा पर तत्कालीन वीरभद्र सरकार को जमकर घेरा था। चुनाव नतीजों में वीरभद्र सरकार पर इस मुद्दे का काफी असर पड़ा।
चूंकि, गुड़िया कांड और महिला सुरक्षा के चुनावी मुद्दे के बूते भाजपा सत्ता पर काबिज हुई थी। उसी मुद्दे पर सरकार की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। परिजन आईजी जैदी की बहाली को लेकर परिजनों से लेकर विपक्ष तक सरकार को घेर रहा है, वहीं एक महिला आईपीएस अधिकारी के कोर्ट में दबाव बनाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के बयान के बाद महिला सुरक्षा के दावे पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जाहिर है परिजनों व आम लोगों की सवालिया नजरों में उलझे मुख्यमंत्री ने बहाली पर परिजनों के विरोध के बाद खुद आश्वासन दिया था कि वह मामले में हर संभव मदद करेंगे, लेकिन आश्वासन के बाद कोई कदम तो नहीं उठाया गया, बल्कि जैदी को वक्फ बोर्ड के सीईओ पद पर तैनाती जरूर दे दी गई। ऐसे में अब मामले में सख्त रुख अपनाकर मुख्यमंत्री खुद हालात नियंत्रित करने का दबाव बढ़ गया है।