नई दिल्ली, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में बुधवार को जामा मस्जिद क्षेत्र में लोगों ने लाल कुएं से लेकर जामा मस्जिद गेट नंबर एक तक कैंडल मार्च निकाल विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद की सीढ़ियों पर एकता व भाईचारे के नारों के साथ साथ केंद्र सरकार विरोधी नारे भी लगाए। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सीएए के जरिये मुस्लिम समुदाय पर हमला किया जा रहा है। ऐसे में इस कानून को जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए। प्रदर्शन में शामिल आबिदा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा यह मुस्लिम विरोधी कानून लाया गया है। ऐसे में हम सरकार को हमारी नागरिकता का कोई प्रमाणपत्र नहीं दिखाएंगे, क्योंकि हम शुरू से ही भारतवासी हैं। प्रदर्शन में कुछ शिक्षकों के संगठनों ने भी भाग लेकर विरोध दर्ज कराया।
सीएए व एनआरसी के खिलाफ जामा मस्जिद पर प्रदर्शन
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में नॉर्थ कैंपस में विभिन्न छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्रदर्शन मार्च भी निकाला। इसमें वामपंथी छात्र संगठन शामिल हुए। इसके अलावा जेएनयू में हुई रविवार की घटना की भी प्रदर्शनकारी छात्रों ने निंदा की। साथ ही देश के अन्य मुद्दों के खिलाफ भी छात्रों ने प्रदर्शन मार्च में हिस्सा लिया। छात्रों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से मौजूदा हालात देश में बने हुए हैं। वह देश के नागरिकों के हित में नहीं है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मद्देनजर भी कुछ बिंदुओं पर बदलाव करने की मांग की गई।
सोशल मीडिया पर छाया आजाद कश्मीर का पोस्टर
डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज में एक प्रदर्शन में छात्रों के हाथों में आजाद कश्मीर के पोस्टर की घटना सोशल मीडिया पर चर्चा में है। दिल्ली के भाजपा नेता तेजेंदर बग्गा ने ट्विटर पर इस घटना को उठाते हुए पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने लेफ्ट संगठनों पर निशाना साधा है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस तरह के किसी भी पोस्टर की बात से इन्कार किया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार इस बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं है। न ही उन्होंने इसकी पुष्टि की है। इस मामले में किसी की भी शिकायत नहीं आई है।
सीलमपुर हिंसा मामले में हिस्ट्रीशीटर सहित दो गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एसआइटी ने सीलमपुर ¨हसा मामले में हिस्ट्रीशीटर सहित दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान सीलमपुर निवासी शहजाद और गौतमपुरी निवासी नूर मोहम्मद के तौर पर हुई है। शहजाद सीलमपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जबकि नूर मोहम्मद का फिलहाल कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। अदालत में पेश करने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया। उधर पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर 10 और उपद्रवियों की पहचान की है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक उन सभी को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
दो नाबालिग भी चढ़े हत्थे
इस मामले में एसआईटी ने गत दिनों सीमापुरी इलाके में हिंसा फैलने वाले सात लोगों को दबोचा था। इनमें पांच बालिग जबकि दो नाबालिग थे। पुलिस सीलमपुर हिंसा में शामिल आरोपितों की यह पहली गिरफ्तारी की है। पुलिस के मुताबिक इन मामले में स्थानीय पुलिस कुल 84 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। तीन जनवरी को यह मामला लोकल पुलिस से क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित किया गया था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक जांच के दौरान सभी उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इसमें तस्वीरें धुंधली आ रही थीं और उपद्रवियों के चेहरे ठीक से दिख नहीं रहे थे। लेकिन तकनीक विशेषज्ञों की मदद से आरोपितों की पहचान की जा रही है। सीलमपुर हिंसा में शामिल आरोपित हिस्ट्रीशीटर शहजाद और नूर मोहम्मद को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही पहचाना गया है। नूर मोहम्मद ने हिंसा के दौरान अपने मोबाइल फोन से कुछ वीडियो बनाने के अलावा फोटोग्राफ भी लिए थे। पुलिस उसकी मदद से अन्य आरोपियों की पहचान करने में जुट गई है।