मुंबई. विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे भाजपा नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मंत्री गिरीश महाजन पर गंभीर आरोप लगाएं हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं की वजह से उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट नहीं दिया गया। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि वे अभी पार्टी नहीं छोड़ने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा- ‘मैं शिवसेना के संपर्क में था और यह सच था कि सेना के नेता मेरे संपर्क में थे।’
एकनाथ खडसे बोले…
- ‘मुझे नहीं पता था कि पार्टी ने मेरा टिकट क्यों काट दिया। पार्टी से मुझे कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन ने कोर कमेटी की बैठक में नाराजगी व्यक्त की थी। इसलिए मुझे टिकट नहीं दिया गया। मुझे नहीं बताया गया है कि नाराजगी क्या है, इसलिए मैंने पार्टी आलाकमान से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।’
- ‘मैंने यह कभी नहीं कहा कि मैं भाजपा छोड़ सकता हूं, या किसी और पार्टी के जा सकता हूं, मेरी मांग को ध्यान में रखते हुए पार्टी के पास एक समाधान है, वे चाहे तो मुझे सेवानिवृत्त कर सकते हैं। जब तक मुझे न्याय नहीं मिलेगा मैं संघर्ष करता रहूंगा।’
- ‘देवेंद्र फडणवीस और मेरा रिश्ता बिगड़ नहीं रहा है, हम आज भी बोलते हैं, लेकिन मैं मुखर हूं, मैं वही बोलता हूं जो मेरे दिमाग में और सच है। मैं जानना चाहता हूं कि वे मुझसे नाराज क्यों हैं, लेकिन मेरा मतलब यह नहीं है कि मैं फडणवीस या महाजनों से नाराज हूं।’
शिवसेना ने कहा था- एकनाथ हमारे संपर्क में
इससे पहले शिवसेना नेता और हाल में मंत्री बने गुलाबराव पाटिल ने कहा था कि एकनाथ खडसे उनके और उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी के कई अन्य नेता भी उनके संपर्क में हैं और वे जल्द शिवसेना से जुड़ सकते हैं। खडसे मुख्यमंत्री फडणवीस के बाद महाराष्ट्र में भाजपा का दूसरा बड़ा चेहरा माने जाते थे। पार्टी ने खडसे की जगह मुक्ताई नगर सीट से उनकी बेटी रोहिणी को टिकट दिया था। हालांकि, वे भी अपनी सीट से चुनाव हार गईं थी।