मुंबई. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार का साथ मिला है। पवार ने ममता को पत्र लिखकर अपना समर्थन जाहिर किया है। इसमें उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है। मुझे खुशी है कि मैं उन लोगों में शामिल हूं जो संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
शिवसेना ने पहले किया समर्थन, अब विरोध
महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाने से पहले शिवसेना कानून का समर्थन करती रही है। लोकसभा में भी नागरिकता कानून के लिए हुई वोटिंग के दौरान सरकार का समर्थन किया। हालांकि, बाद में राज्यसभा में शिवसेना ने वाकआउट कर दिया था। मुख्यमंत्री उद्धव इस कानून को राज्य में लागू नहीं करने का संकेत दे चुके हैं। अब शरद पवार के समर्थन के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल राज्य में यह कानून लागू नहीं होने जा रहा है।
ममता ने मांगा था समर्थन
नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ रहीं ममता बनर्जी ने हाल ही में शरद पवार को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि संविधान बचाने की इस लड़ाई में वे उनका (शरद पवार) का साथ चाहती हैं। ममता बनर्जी का कहना है कि वो किसी भी सूरत में इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं करने देगी। राज्य में निकट भविष्य में चुनाव होने हैं।
पीएम ने शुरू किया समर्थन में कैंपेन
वहीं, दूसरी तरफ सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून के समर्थन में सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया। पीएम मोदी के ट्वीट के बाद माना जा रहा है कि सरकार इस मामले में कदम वापस खींचने को तैयार नहीं है।
देश के कई हिस्सों में हो रहा प्रदर्शन
नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में अभी भी प्रदर्शन जारी है। असम की राजधानी गुवाहाटी में सोमवार को नागरिकता कानून के खिलाफ निकले गए मशाल जुलुस में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। दिल्ली के जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी और उत्तर प्रदेश की अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों का शांतिपूर्व प्रदर्शन जारी है।