फरीदाबाद जिला पुलिस हर समय सेवा-सुरक्षा व सहयोग की भावना से लोगों की मदद के लिए तैयार रहती है, लेकिन यहां कंट्रोल रूम में कुछ लोग मदद के नाम पर बेवजह फोन करते हैं। यहां रोजाना आने वाले तकरीबन 20 हजार फोन कॉल इस बात का प्रमाण हैं कि इसमें से केवल पांच सौ लोगों को ही जायज मदद की दरकार होती है।
हालांकि अब फर्जी कॉल को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां वॉयस लॉकर लगाया गया है जिसमें कॉल सीधी इस पर आएगी। वॉयस लॉकर से अगले स्टेप का चयन करने के बाद फोन कॉल वहां बैठे पुलिस कर्मियों के पास पहुंचती है। इससे कभी-कभी पुलिस से मदद मांगने में विलंब भी हो जाता है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि सेक्टर-12 स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में फोन की कुल छह लाइनें संचालित हैं। इन लाइनों पर पुलिस कंट्रोल रूम में मदद के लिए आने वाले फोन कॉल को सुनकर तुरंत मदद पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। फरीदाबाद पुलिस ने लोगों की मदद के लिए पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100, मोबाइल नंबर 9999150000, वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर 7290001000 समेत एफआईआर एप व दुर्गा शक्ति एप की अलग-अलग व्यवस्था की है। इन सुविधाओं का लाभ उठा कर लोग किसी भी माध्यम से पुलिस के कंट्रोल रूम से संपर्क साध कर मुसीबत के समय में मदद मांग सकते हैं।
फआईआर एप पर भी आ रहे फर्जी आवेदन
फरीदाबाद पुलिस ने लोगों की मदद से लिए 2016 में एफआईआर एप की शुरुआत की थी। इस एप के ओपन बटन को टच करते ही पीड़ित का नाम, लोकेशन, मोबाइल नंबर सीधे कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस कर्मियों के कंप्यूटर स्क्रीन पर पहुंच जाता है। इस जानकारी व लोकेशन के आधार पर पीसीआर सीधे लोकेशन पर पीड़ित की मदद के लिए पहुंच जाती है। इस एप पर अब तक करीब 23944 शिकायतें आई हैं। इनमें से सिर्फ 1712 शिकायतें ही वैध मिली, जिसमें पीड़ित को मदद दी गई। बाकी मामलों में लोगों ने फर्जी शिकायत भेज कर एफआईएप के बारे में जानकारी हासिल कर अपनी तसल्ली की है।
वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर
100 नंबर व एफआईआर एप के मुकाबले सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन नंबर पर बेहद कम शिकायतें कंट्रोल रूम को प्राप्त हुई है। सीनियर सिटीजन की सुविधा के लिए इसी साल अगस्त में हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया था। इस नंबर पर जून से अब तक करीब 47 सीनियर सिटीजन ने फोन कॉल कर मदद मांगी है। वहीं 11 सीनियर सिटीजन ने फोन कर सिर्फ नंबर के बारे में जानकारी हासिल की है।