पटना. पूरे भारत में जहां महिलाओं को सशक्त करने की बात हो रही है वहीं दूसरी तरफ बिहार में इसकी जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. चौंकाने वाला तथ्य यह है की बिहार को निर्भया फंड के रूप में मिलने वाली कई मद की राशि में एक रुपए तक खर्च नहीं हुआ है. महिलाओं पर लगातार हो रहे अत्याचार के बीच यह आंकड़ा सचमुच चौंकाने वाला है.
दिल्ली की घटना के बाद बना था फंड
निर्भया फंड ऐसा फंड है जो निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने बनाया था. इसके तहत महिलाओं की सुरक्षा, पीड़ितों को सहायता के लिए हर राज्य को राशि दी जाती है. 2015 से लेकर अब तक बिहार को भी इस मद में करोड़ों रुपए दिए गए हैं पर चौंकाने वाला तथ्य यह है कि सरकार ने इस फंड के कई मद का 1रुपया तक खर्च नहीं किया.
इमरजेंसी रेसपॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS)
निर्भया फंड के तहत इमरजेंसी रेस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम के लिए बिहार को 2016-17 में 12 करोड़ 29 लाख रुपए मिले. चौंकाने वाली बात यह है की इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम को तैयार करने के लिए मिले राशि का ₹1 भी सरकार ने अब तक खर्च नहीं किया है.
साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट वीमेन एन्ड चिल्ड्रन (CCPWC)
महिलाओं और बच्चों को साइबर क्राइम से बचाने और सावधान करने के लिए केंद्र ने बिहार सरकार को 2017-18 में 2 करोड़ 47 लाख रुपये दिए पर आजतक एक पैसा भी खर्च नहीं किया जबकि केंद्र ने 2019-20 के लिए और 60 लाख रुपये की राशि बिहार सरकार को मुहैया करा दी है.
वन स्टॉप सेंटर स्कीम
महिलाओं और बच्चो के विकास के लिए वन स्टॉप सेंटर का निर्माण किया गया था. इस सेंटर का मुख्य उद्देश्य यह था कि एक ही सेंटर के तहत महिलाओं के सभी समस्याओं का निदान मिल सके. इस मद के लिए केंद्र ने बिहार को 2014-15 में 13 लाख, 2015-16 में 1 करोड़ 98 लाख, 2017-18 में 3 करोड़ 8 लाख और 2018-19 में 3 करोड़ 90 लाख रुपये दिए पर चौंकाने वाली बात यह है कि इस मद की राशि में भी एक रुपया खर्च नही हुआ. मालूम हो कि यह फंड 2012 में शुरू किया गया था.
सेंट्रल विक्टिम कंपनसेशन फंड (CVCF)
यह इकलौता ऐसा मद है जहां सरकार ने पैसे खर्च किये है. 2016-17 में बिहार को 7 करोड़ 22 लाख रुपए की राशि मिली और सरकार ने अबतक 6 करोड़ 97 लाख राशि पीड़ित महिलाओं के बीच बांटी है.
विपक्ष के निशाने पर नीतीश
निर्भया फंड के इस्तेमाल नहीं किये जाने पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि पूरा आंकड़ा साबित करता है कि बिहार सरकार महिलाओं की सुरक्षा और विकास के लिए कितनी संवेदनशील है. जब साइबर क्राइम से बच्चों को बचाने के लिए मिले पैसे को इस्तेमाल नहीं करते हैं फिर कैसे कहते है कि पोर्न साइट बंद होने चाहिए.
पार्टी नेता नीतीश के बचाव में उतरे
निर्भया फंड के इस्तेमाल नहीं होने के मामले में बयानबाजी तेज होने के बाद जदयू के प्रवक्ता बचाव में उतर गए हैं. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि निर्भया फंड को देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि बिहार सरकार ने महिलाओं के लिए काम नहीं किया है. सरकार ने महिलाओं के लिए कई काम किये हैं. कई मदों के काम चल रहे होंगे जिसका यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट जल्द मिल जाएगा|