स्थानीय नाइट क्लब में महिलाओं की अंतरराज्यीय मानव तस्करी के बहुचर्चित मामले की जांच कर रही पुलिस ने अन्य लोगों के साथ इसके 11 संगीत वादकों (वाद्य यंत्र बजाने वाले) को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के इस कदम के खिलाफ स्थानीय कलाकारों ने गहरी नाराजगी जताई है।
पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 30 नवंबर की देर रात से शुरू हुई मुहिम के दौरान स्थानीय कारोबारी जितेंद्र सोनी के गीता भवन चौराहे स्थित नाइट क्लब माय होम से सात बच्चों और 67 महिलाओं को बचाया गया था। इनमें पश्चिम बंगाल और असम की महिलाएं शामिल हैं जिन्हें नाइट क्लब में कथित रूप से दयनीय परिस्थितियों में रखकर बार डांसर का काम कराया जाता था।
उन्होंने बताया कि मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 370 (मानव तस्करी) और अन्य संबद्ध धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने 35 लोगों को शनिवार रात गिरफ्तार किया। शहर में कलाकारों की एक संस्था चलाने वाले अभिषेक गावड़े ने कहा, भारतीय दंड विधान की धारा 370 (मानव तस्करी) और धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत गिरफ्तार इन लोगों में 11 संगीत वादक शामिल हैं।
ये लोग नाइट क्लब में ड्रम, गिटार, तबला आदि वाद्य यंत्र बजाकर आजीविका चलाते थे और इनका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। स्थानीय कलाकारों के एक समूह ने इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्र को सोमवार को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें मांग की गई है कि नाइट क्लब से जुड़े संगीतकार पर गंभीर आरोपों में लादे गए आपराधिक मामले वापस लिए जाएं।
उधर, कलाकारों की इस मांग पर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने कहा, मानव तस्करी के मामले में नाइट क्लब के संगीतकारों की भूमिका का कानूनी परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।