लाइफस्टाइल . लाइफस्टाइल डेस्क. ज्यादातर पेरेंट्स पालतू कुत्तों को बच्चों की पढ़ाई के वक्त दूर रखते हैं ताकि बच्चे पढ़ाई छोड़ने उनके साथ खेलने ना लगें। लेकिन हाल ही में कनाडा के यूबीसी ओकानागन स्कूल ऑफ एजुकेशन की रिसर्च में सामने आया है कि जब बच्चों के आस-पास पालतू कुत्ते होते हैं तो उनका मन देर तक पढ़ाई में लगा रहता है और वो जल्दी सीख और याद कर पाते हैं। बच्चे पढ़ाई में ज्यादा इंट्रेस्ट दिखाते हैं।
17 बच्चों पर हुआ अध्ययन
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- अध्ययन 17 बच्चों पर किया गया। इसमें 1 से 3 ग्रेड तक के बच्चे शामिल थे। इन बच्चों को पहले अकेले पढ़ाई को कहा गया और फिर बाद में पढ़ाई के दौरान साथ पालतू कुत्ते साथ रखे गए। शोधकर्ताओं ने विश्लेषण किया कि कुत्ते की मौजूदगी और गैरमौजूदगी में बच्चों ने पढ़ाई किस तरह से की।
- शोधकर्ता केमिली रूसो ने बताया, ‘हमारे अध्ययन ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि क्या एक बच्चे को लंबे समय तक पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है और कुत्ते के साथ होने पर कुछ चुनौतियों को आसानी से पार किया जा सकता है।’ शोध में के लिए बच्चों को पहले रीडिंग करने के लिए कहा गया। फिर कुछ ऐसा मेटेरियल दिया गया जो उनकी समझ से परे था।
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- हर बच्चे से कहा गया कि वो किसी डॉग हैंडलर, पालतू जानवरों या किसी को जोर से किताब पढ़ कर सुनाएं। कुत्तों की मौजूगी में उन्होंने पढ़ाई जारी रखने को कहा। इसके अलावा, बच्चों ने अधिक रुचि दिखाई और अच्छा महसूस करने की सूचना दी।
- कई स्कूलों, पुस्तकालयों और सामुदायिक संगठनों में थेरेपी डॉग रीडिंग कार्यक्रमों की लोकप्रियता में बढ़ी है। रूसो का कहना है कि ‘ऐसे अध्ययन किए गए हैं , जिनमें देखा गया है छात्रों की पढ़ने की क्षमताओं को बढ़ाने में कुत्ते सहायक रहे हैं। रूसो ने उम्मीद जताई है कि कई संस्थानों को ये समझ आएगा कि कुत्तों के साथ पढ़ाई करने से बच्चों को खुद को प्रेरित करने में मदद मिलती है।