हरियाणा में नशे के खिलाफ चल रही सख्त मुहिम के तहत इस साल के पहले चार महीनों में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) ने 1,801 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी मंगलवार को गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने दी।
इन चार महीनों में राज्यभर में नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत कुल 1,130 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें से 143 मामले वाणिज्यिक मात्रा में मादक पदार्थों की बरामदगी से संबंधित थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 332 पर वाणिज्यिक मात्रा में नशे की तस्करी या कब्जे का आरोप है। इसके अतिरिक्त, 34 लोगों को नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी रोकथाम कानून के तहत एहतियाती कार्रवाई में हिरासत में लिया गया।
मिश्रा ने बताया कि इस दौरान की गई जब्ती में 22.40 किलो हेरोइन, 57.78 किलो चरस, 1,520.71 किलो गांजा, 87.09 किलो अफीम और 6,766.33 किलो डोडा पोस्त शामिल हैं। इसके अलावा 1,609 बोतलें, 48,982 कैप्सूल, 3,152 इंजेक्शन योग्य नशीले पदार्थ, 95,000 से अधिक गोलियां और 128.35 किलो अफीम पोस्त भी जब्त की गई।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पहल ‘ड्रग-फ्री हरियाणा साइक्लोथॉन 2.0’ का उल्लेख करते हुए मिश्रा ने कहा कि यह साइक्लोथॉन 5 अप्रैल से 27 अप्रैल तक राज्य की सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी और इसे एक जन आंदोलन का रूप मिला। इस दौरान 4.5 लाख से अधिक साइक्लिस्टों ने सक्रिय भागीदारी की, जबकि 7.2 लाख से अधिक नागरिकों ने इन आयोजनों में उपस्थिति दर्ज कराई। “जनप्रतिनिधियों से लेकर महिलाओं, युवाओं और ग्रामीणों तक हर वर्ग ने नशे के खिलाफ एकजुट स्वर में आवाज़ उठाई,” मिश्रा ने कहा।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे मानस हेल्पलाइन – 1933 का उपयोग करें। यह 24×7 गोपनीय कॉल सेवा है जो मादक पदार्थों के खिलाफ समुदाय को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस हेल्पलाइन पर कोई भी व्यक्ति नशे की बिक्री, खरीद, या अवैध खेती से जुड़ी जानकारी साझा कर सकता है।
मिश्रा ने आगे बताया कि यह हेल्पलाइन सिर्फ सूचना देने का माध्यम नहीं, बल्कि नशामुक्ति व पुनर्वास सेवाओं के लिए मार्गदर्शन का स्रोत भी है। इसके अलावा इस पर पोस्टर, वीडियो, ब्रोशर जैसे शैक्षणिक संसाधन भी उपलब्ध हैं, जिन्हें वेबसाइट से मुफ्त डाउनलोड और साझा किया जा सकता है।
आधुनिक निगरानी साधनों की बात करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने GIS-सक्षम MAPDRUGS पोर्टल और मोबाइल ऐप का भी उपयोग शुरू किया है, जिससे नशीले पदार्थों की अवैध खेती और तस्करी पर अधिक सटीक निगरानी और कार्रवाई की जा रही है।
हरियाणा सरकार की यह व्यापक रणनीति नशे के खिलाफ लड़ाई में राज्य को नई दिशा देने की ओर एक ठोस कदम है।