हरियाण के सोनीपत में खरखौदा के गांव आनंदपुर झरोठ के ग्रामीण ने सीएम विंडो पर शिकायत देकर मनरेगा में धांधली करने का आरोप लगाया है। उसकी शिकायत में लोकपाल ने जांच की तो मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध मिली। इस पर तत्कालीन बीडीपीओ, पूर्व सरपंच, एबीपीओ व ग्राम सचिव सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। लोकपाल पंकज शर्मा ने तीन लाख 77 हजार 841 की राशि को एक माह में जमा करवाने व पांचों को एक-एक हजार रुपये जुर्माना भी देने के आदेश दिए हैं। गांव आनंदपुर झरोठ निवासी अश्विन ने सीएम विंडो पर शिकायत दी थी कि मनरेगा के तहत काम करवाने के बाद मजदूरी नहीं दी जा रही है, जबकि सांठ-गांठ करते हुए कुछ लोगों के दो-दो जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा के पैसे का गबन किया जा रहा है।इन्होंने जब शिकायतकर्ता का पक्ष सुना तो उसने बताया था कि उनके पिता व अन्य से मनरेगा के तहत काम करवाया गया और मजदूरी नहीं दी जा रही है। जबकि एक व्यक्ति सतबीर सिंह ने अपने परिचितों के मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनवाए हुए हैं. गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण, तत्कालीन बीडीपीओ नरेश, तत्कालीन एबीपीओ सुंदर सिंह, ग्राम सचिव पर भी आरोप लगाए गए, जिस पर लोकपाल कार्यालय में उन्हें अपना पक्ष रखने को बुलाया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप था कि गलत जॉब कार्ड बनाकर कार्ड धारक को सप्ताह में दी जाने वाली मजदूरी में से पांच सौ रुपये दिए जाते हैं, बाकी को अपने पास रख लिया जाता है।शिकायतकर्ता ने पेश किए सुबूत.
शिकायतकर्ता ने मामले में सुबूत भी पेश किए, जिसमें एक ही व्यक्ति के दो-दो जॉब कार्ड होना भी शामिल हैं, ताकि उन्हें वर्ष में सौ दिन की मजदूरी पूरी होने पर दोबारा से उसी वर्ष में लाभ दिया जा सके।
पांचों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया
लोकपाल की जांच में सामने आया कि एक परिवार को सौ दिन की मजदूरी देने के अलावा तीन लाख 77 हजार 841 रुपये की अतिरिक्त अदायगी की गई है। ऐसे में लोकपाल द्वारा पांचों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाए जाने के साथ ही एक माह के भीतर उसकी अदायगी करने के आदेश दिए हैं। तीन लाख 77 हजार 841 रुपये भी एक माह के भीतर मनरेगा स्कीम के जिलास्तरीय खाते में जमा करवाने के भी आदेश दिए हैं।