हरियाणा ने राज्यों को 50 वर्ष के लिए बिना ब्याज के दिए जाने वाले पूंजीगत व्यय की राशि बढ़ाने के साथ केंद्र सरकार से पांच हजार करोड़ रुपये मांगे हैं। ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नाबार्ड 2.75 प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज देता है, उसी तरह एनसीआर प्लॉनिंग बोर्ड से भी ऋण मुहैया करवाया जाए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई प्री-बजट बैठक में ये मांगें रखीं। उन्होंने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि कोरोना के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपना वित्तीय प्रबंधन अच्छे से बनाए रखा। आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए अलग से रणनीति बनाई। 2.75 फीसदी ब्याज दर के साथ कर्ज मिलने पर एनसीआर क्षेत्र में तेज गति से विकास हो सकेगा। जीएसटी के लिए हाईब्रिड मॉडल बनाए जाए। जिसमें खपत के साथ-साथ उत्पादन शेयर भी सम्मलित किया जाए।
मनोहर लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना में बड़ी संख्या में लोगों को मुद्रा स्कीम के माध्यम से ऋण मिल रहा है। इसमें ब्याज माफी योजना बनाई जाए। एफपीओ के लिए कर्ज सीमा फिलहाल 2 करोड़ रुपये है, इसे बढ़ाने से बड़ी खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाएं लगाई जा सकेंगी। एमएसएमई का विस्तार हो रहा है। निर्यात के लिए सब्सिडी का निर्धारण करें, इससे वे अपने उत्पाद विदेशों में भेज सकेंगे।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। किसानों को सब्सिडी, ऋण दिए जा रहे हैं। फसलों की खरीद समय पर हो रही है। 14 फसलों को हरियाणा सरकार एमएसपी पर खरीद रही है। लगभग 600 एफपीओ हरियाणा में खुल चुके हैं, इन्हें 1 हजार करने का लक्ष्य है। प्रदेश में अभी तक 7 अत्याधुनिक एकीकृत पैक हाउस खुले हैं, इनकी संख्या इस वर्ष में 50 करने का लक्ष्य है। मशरूम फॉर्मिंग, मछली पालन, डेयरी फॉर्मिंग जैसे प्रोजेक्टों को सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है।